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वास्तविक जीवन जल की कहानी

  • MANASA
  • Nov 2, 2015
  • 2 min read

एक बार हज़रत मूसा के गुरु खिद्र ने मानव जाति को यह चेतावनी दी कि भविष्य में एक निश्चित दिन दुनिया का सारा जल गायब हो जायेगा और सिर्फ वही जल बच पायेगा जिसे उस दिन के बाद के लिए संभालकर रख लिया जायेगा. गायब हुआ जल फिर ऐसे जल में बदल जायेगा जिसे पीने पर लोग पागल हो जायेंगे.

सिर्फ एक आदमी को छोड़कर किसी ने भी खिद्र की चेतावनी पर ध्यान नहीं दिया. उसने जितना भी हो सकता था उतना जल इकठ्ठा करके एक गुप्त स्थान में सुरक्षित रख दिया और फिर जल के बदलने का इंतजार करने लगा.

तय दिन पर सारी जलधाराएँ थम गईं, कुँए सूख गए… और जिस आदमी ने जल को जमा करके रख लिया था वह उस सुरक्षित स्थान पर गया और उसने छककर अपना शुद्ध जल पिया.

उस स्थान से जब उसने चोरी छिपे बाहर झाँककर देखा तो पाया कि समस्त जलधाराएँ फिर से शुरू हो गईं थीं और कुओं में जल भर आया था. तब वह दूसरे मनुष्यों के बीच वापस आ गया. उसने पाया कि अपना स्वभाव बदल चुके जल को पीने के बाद वे सभी पहले के विपरीत सोचने और बोलने लगे थे और उन्हें अतीत का कुछ भी याद नहीं रह गया था. उन्हें न तो किसी चेतावनी के बारे में ज्ञात था न ही जल के बदलने के बारे में वे कुछ जानते थे. जब आदमी ने उनसे बात करने का प्रयास किया तो सभी ने पागल समझकर उसे दुत्कार दिया.

उनके साथ रहते हुए आदमी ने पहले तो नया जल ज़रा भी नहीं पिया और हमेशा अपना छुपाया हुआ जल पीने के लिए सुरक्षित स्थान पर प्रतिदिन जाता रहा. लेकिन एक दिन उसने विवश होकर नया जल पीने का निश्चय कर लिया क्योंकि वह अकेलेपन और दूसरों के विपरीत व्यवहार करने और सोचने से तंग आ चुका था. उसने नया जल पी लिया और वह भी दूसरों जैसा हो गया. फिर वह अपने बचाकर रखे शुद्ध जल के बारे में सब कुछ भूल गया और सभी लोग उसे पागलपन से ठीक हो चुके आदमी के रूप में देखने लगे.

उसका बचाकर रखा हुआ शुद्ध जल अभी भी किसी स्थान में सुरक्षित रखा हुआ है.


 
 
 

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