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वृक्ष की कहानी

  • VIDISHA, PAYAAM, BHAVYA
  • Nov 3, 2015
  • 2 min read

सदियों पहले हमारी पृथ्वी एक खूबसूरत हरियाली से भरी जन्नत जैसी जगह थी,और अब केवल हमारी वझे से यह हरियाली नष्ट हो गयी है। हमने अभी भी पेड़ काटना नहीं छोड़ा थो कुछ दिनों में तापमान बढ़ जायेगा, ग्रीन हाउस गस्सेस बढ़ जायेगे। इसे अकाल पढ़ जायेगा , बाढ़ आजायेगा और ग्लोबल वार्मिंग की भी शक्यता है। हमें पृथिवी को फिर से खूबसूरत बनाने के लिए: रस्ते पर कचरा नहीं फेकना चाहिए।

४ आर्स का प्रयोग करना चाहिए। पेड़ो को काटना कम करना चाहिए और नय पेड़ उगाने चाहिए। अब हम एक वृक्ष आत्मा कथा जानेंगे : में छोटा सा बीज था , मुझे बगवान के आशीर्वाद से पानी और सूर्य प्रकाश मिला था और धरती से धीरे – धीरे बाहार आकर मेने फूल का रूप धारण किया। कुछ वर्षो पश्चात में एक विशाल पेड़ बन गया। मुझे हर दिन आशीर्वाद के रूप में पानी और सूर्य प्रकाश मिलता था जिससे में अपना खाना स्यम ही बना लेता था। मेने एक ऐसा अनुभव किया था जिसने मुझे बहुत विचलित किया। एक दिन मे दूसरे पोधे के साथ बात कर रहा था। उसके वार्तालाब से प्रतीत हो रहा था की वह किसी कारण वर्ष दुखी

है। क्या हुआ मित्र , तुम इतने दुखी क्यों प्रतीत हो रहे हो ?"

मित्र ने बोला " क्या बताऊ सूर्य की गर्मी इतनी बढ़ गयी है की मेरे सारे पत्ते एक के बाद एक गिर रहे है। आज कल वर्षा भी नहीं होती। "

' हाँ मे भी यह महसूस कर सकता हूँ ! यह अत्यंत दुःख पूर्ण समाचार है। "

'ये किसी विडम्बना है ? एक ओर हमे मनुष्यो के सुखों के लिए अपने प्राण त्याग देने पड़ते हैं और दूसरी ओर मनुष्य हमारी थोड़ी सी भी परवाह नहीं करते। '

मुझे सॉ वर्ष लगे सिर्फ कड़े होने के लिए और सॉ वर्ष स्वयं को होसला दिलाने के लिए और मनुष्य एक झटके में अपने कुल्हाड़ी के मज़बूत वार से मुझे बेहेरेमी से दो हिस्सों में बात देता है। अभी में कचरे के डिब्बे में पढ़ा हूँ। और यह किसी विधानबना है की मेरी ही दुःख कथा मेरे ही शरीर के एक कण पर लिख रहे हो।

इस वृष की दुखत कथा जानने के पश्चात आपको क्या लगता है की हमे इस भरी मात्रा में पेड़ काटने चाहिए ? अवश्य विचार कीजियेगा ....

 
 
 

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